AIRINDIA पर जून में बड़ा फैसला संभव, सरकार ने एयरलाइन को दिया यह निर्देश
नागर विमानन मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी को अपना और अपनी अनुषंगियों के लिये वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा जून अंत तक तैयार करने को कहा है.
पिछले साल मई में एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल हो गई थी. (PTI)
पिछले साल मई में एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल हो गई थी. (PTI)
नागर विमानन मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी को अपना और अपनी अनुषंगियों के लिये वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा जून अंत तक तैयार करने को कहा है. एक आधिकारिक दस्तावेज में इसकी जानकारी मिली है.
मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एयर इंडिया की 3 इकाइयों के विनिवेश की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिये जाने के बाद यह निर्देश दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा पिछले साल मई में एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल होने के बाद जून में इसे कुछ समय के लिए टालने का निर्णय लिया गया. समिति ने इसके बाद कंपनी में पैसा लगाने तथा जमीन एवं अन्य संपत्तियां बेचकर कर्ज कम करने का निर्णय लिया.
एयर इंडिया के ऊपर करीब 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में इस साल 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के संबंध में चर्चा की गयी.
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नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनी लोहानी को छह मई को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक अप्रैल को एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया की तीन अनुषंगियों एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और एयरलाइन अलाय्ड सर्विसेज लिमिटेड की विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय लिया गया.’’
खरोला ने कहा कि एयर इंडिया और अनुषंगियों की विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये उनके 2018- 19 के आडिट किये वित्तीय लेखा-जोखा की जरूरत होगी. ‘‘इस लिये मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एयर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के 2018- 19 के वित्तीय परिणाम को जून के आखिर तक अंतिम रूप दें दें.’’
उन्होंने कहा कि चूंकि 2018-19 का वित्तीय लेखा-जोखा कंपनी के लिये निविदा का आधार होगा, इसलिये यह आवश्यक हो जाता है कि इन्हें सावधानी से तैयार किया जाये ताकि इससे सही वित्तीय स्थिति का पता चल सके. सचिव ने एयर इंडिया के सीएमडी को यह भी कहा है कि सभी लंबित विवादों की भी एक सूची तैयार की जानी चाहिये.
सरकार ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को तेजी से आगे बढाने के लिये 28 फरवरी की मंत्रिमंडल की बैठक में एक विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) बनाने को मंजूरी दे दी थी. इसका नाम 'एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड' रखा गया. इस निकाय को एयर इंडिया का 29,464 करोड़ रुपये का कर्ज और उसकी चार अनुषंगियों हस्तांतरित की गईं. चार अनुषंगियों में एआईएटीएसएल, एएएसएल, एआईईएसएल और होटल कापोर्रेशन आफ इंडिया (एचसीआई) शामिल हैं.
08:55 PM IST